Thursday, May 12, 2016

इस बेटे को सलाम, उस मां को नमन जिसने होनहार लाल दिया
- आईएएस परीक्षा में 446 वीं रैंक पाई अख्त्यापुर के अजीत ने
शाहजहांपुर। जीवन हर पल नए संघर्ष की कहानी है या फिर यूं कहें कि जीवन वीडियो गेम है, जो हर नए लेवल पर नया संघर्ष करने को प्रेरित करता है। लेकिन मन में अगर जज्बा हो और कुछ करने का हौसला दिल में हो तो कोई गेम कोई मंजिल आंखों और कदमों से दूर नहीं होती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है शाहजहांपुर के बेटे ने। बेटे की हिम्मत और जज्बे को आज हर कोई नमन कर रहा है। मां बाप गदगद हैं तो जिले के माथे पर गौरव तिलक लगा है। इस होनहार बेटे का नाम है अजीत कुमार वर्मा। इन्होंने भारत की प्रशासनिक सेवा परीक्षा आईएएस में 446 वीं रैंक पाई है। इस काबिल होनहार बेटे के गांव में भली ही पक्की रोड न बनी हो पर आईएएस बनने के बाद यह लड़का जाने कितने गांवों और जिलों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ देगा। पुवायां तहसील के सिंधौली कस्बे से पश्चिम दक्षिण की ओर लगभग छह किलोमीटर चलने के बाद गांव अख्त्यारपुर पड़ता है। यहां के रहने वाले किसान एवं वर्तमान प्रधान गजाधर लाल वर्मा और मायादेवी वर्मा के बेटे अजीत ने यह कामयाबी अपने दूसरे प्रयास में पाई है। इससे पहले उनका चयन पीसीएस परीक्षा के द्वारा सहायक वाणिज्य कर आयुक्त के लिए हुआ था। वर्तमान में उनकी तैनाती मैनपुरी जिले के ब्लाॅक कुरावली में खंड विकास अधिकारी पद है। फोन पर हुई वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि उनका मकसद सिविल सेवा के द्वारा जनता से सीधे जुड़कर उनकी सेवा करना है। यह मौका उनके माता पिता के आशीर्वाद और अपनी मेहनत के द्वारा मिला है। इस मौके को वह स्वर्ण मौके की तरह अपने जीवन में उतार कर सेवा का भाव लेकर सर्विस में उतरेंगें। उन्होंने उन युवाओं को संदेश देते हुए कहा जो सिविल की तैयारी कई सालों से कर रहे हैं और सफलता का अभी भी इंतजार है। उन लोगों को हताश होने की कतई आवश्यकता नहीं है प्रयास करने के बाद उसकी समीक्षा करें कि चूक कहां हुई उसके बाद दोबारा प्रयास करें सफलता आपको खुद ढंूढ लेगी। अजीत ने अपनी हाईस्कूल शाहजहांपुर के सेंट एचएन स्कूल से किया। इंटर इस्लामियां इंटर कालेज से ग्रेजुएशन जीएफ कालेज से किया। पोस्ट ग्रेजुएशन बरेली कालेज बरेली से किया। इसके बाद नेट जेएआरएफ पास किया। परिवार में मनोज कुमार प्राथमिक स्कूल खिरिया रसूलपुर में अध्यापक है। तीन बहनें हैं तीनों की शादी हो चुकी है। घर में सबसे छोटे हंै और अभी शादी नहीं हुई है। इस बेटे ने शाहजहांपुर के माथे पर गौरव तिलक लगाया है।

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