Wednesday, May 25, 2016

डीएम विजय किरन आनंद से करते हो प्यार तो हो जाओ इसके लिए तैयार
सुदीप षुक्ला
षाहजहांपुर। पूरे जिले में इस समय बस लोगों के दिलों में एक ही तूफान उठा है वह है ईमानदार डीएम विजय किरन  आनंद को बनारस से वापस षाहजहांपुर लाओ। मेरी सोच थोड़ी सी अलग है मैं कुछ और सोच रहा हूं हो सकता है आप लोग मेरी सोच को आलोचित करें या फिर सराहें, खैर कोई फर्क नहीं पड़ता। मुददे की बात करते हैं। षोर पूरे जिले में है अनषन ,आंदोलन, हस्ताक्षर अभियान और भी बहुत कुछ चल रहा है अपने डीएम को वापस लाने को। लेकिन दिमाग पर जोर डालिए वह जो सारे काम वीके आनंद करते थे क्या वह आप नहीं कर सकते! यकीन मानिए अगर हमारे डीएम सर 100 फीसदी काम करते थे तो उसमें 60 फीसदी की हिस्सेदारी हम सभी की होती थी। जैसे उन्होंने सफाई अभियान चलाया आदेष दिया सफाई हो गई। पर उसके बाद उस सफाई को बनाए रखने की जिम्मेदारी तो आपकी ही थी, उन्होंने अतिक्रमण हटवाया, हट गया उसके बाद फिर दुकानें लग गईं। क्या उन दुकानों को हटाने के लिए डीएम बनारस से यहां आएंगे। आप सभी से एक सवाल पूछता हूं पाॅलीथीन बंद हुई आपका जबाव हां। अब सोचिए पाॅलीथीन दोबारा चलन में आ गई। आपका जबाव हां। अब फिर मेरा सवाल आखिर किसके आदेष से खरीद बिक्री चालू हुई पाॅलीथीन की। क्या इसको बंद कराने के लिए विजय किरन आनंद आएंगे। क्या वह दुकानों पर आएंगे और कहेंगे कि भैया पाॅलीथीन मत यूज करो। आज ही मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल बचाने की अपील की है। एक बार नहीं दो बार यह भी कहा कि जल संचयन की बात भूलेंगे तो नहीं फिर भी अपने ष्षहर में तमाम नल आपको खुले मिलेंगे, तमाम लोग रेता मौरंग बजरी पर पानी छिड़कते मिल जाएंगे। क्यों इन सबके लिए विजय किरन आनंद आएंगे? आप क्यों नहीं रोकते ऐसा होने से। क्या सभी जिम्मेदारी वहीं तक सीमित होती हैं जब तक कोई अभियान अखबारों में छपता रहे। मैं बहुत छोटा से मुलाजिम हूं फिर भी मेरी यानि सुदीप षुक्ला की आप लोगों से अपील है कि आप लोगों के दिलों में अगर डीएम विजय किरन आनंद के लिए जरा भी जगह है तो रोकिए अपने आस पास हो रही पानी की बर्बादी, बंद करिए खुले में षौच जाना, बंद करिए तालाबों पर कब्जा, बंद करिए पाॅलीथीन का प्रयोग, करिए बुजुर्गों का सम्मान, उठिए डीएम आनंद की तरह सुबह पांच बजे और फिर देखिए कितना बदलाव आता है हमारे जिले में ,साथियो हमने यह सब षुरू कर दिया है आप लोगों को अच्छा लगे तो मेरी मुहिम में षामिल हो ताकि कभी दोबारा डीएम आनंद साहब षाहजहांपुर आएं तो हम लोग भी उन्हें दिखा सकें कि आप हमें जो दो माह में देकर गए उसको हम आगे बढ़ा रहे हैं यकीन मानिए अपने लिए धरना प्रदर्षन से वह इतना खुष नहीं होंगे जितना इन सब कामों से होंगे। हम डीएम सर को वापस तो नहीं ला सकते पर अपने अंदर के विजय किरन आनंद को जगा तो सकते हैं।
आपका सुदीप षुक्ला
नेत्र परीक्षण अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिंधौली

Thursday, May 12, 2016

शाहजहांपुर की इस बेटी दुर्गा को बचाने को आगे आओ सामज के संवेदनशील लोगों 



















आप सभी सोशल साइट यूजर्स से मेरी विनती है कि एक बच्ची दुर्गा जो कि एक वर्ष की है। सिंधौली के गांव उमरिया की रहने वाली है। उस बच्ची की मां उसके पैदा होते ही रक्तअल्पता का शिकार होकर काल के गाल में समा गई। बच्ची के पांच भाई बहन और हैं। उसके पिता परिवार का भरण पोषण करने को दिल्ली में मजदूरी कर रहा है। परिवार में केवल 75 साल के बुजुर्ग बालकराम हैं जो कि उस बेटी के बाबा हैं। उनके पास एक भी रूपया नहीं है कि बच्चों का पोषण कर सकें। आप लोगों से गुजारिश है कि ऐसी बच्ची की मदद करें। आपको बता दें कि बच्ची जन्मजात नेत्रहीन है। साथ ही अति कुपोषित भी है। आप लोगों से और सामाजिक संस्थाओं से मेरा निवेदन है कि आप लोग दुर्गा की मदद करें उसे भी जीवन जीना है। बाबा बालकराम के पास कोई मोबाइल नंबर नहीं है। आप लोग मेरे मोबाइल नंबर 9450461069 पर संपर्क कर कर सकते हैं। या फिर मदद के लिए सिंधौली के उमरिया गांव जाकर दुर्गा की मदद कर सकते हैं।

इस बेटे को सलाम, उस मां को नमन जिसने होनहार लाल दिया
- आईएएस परीक्षा में 446 वीं रैंक पाई अख्त्यापुर के अजीत ने
शाहजहांपुर। जीवन हर पल नए संघर्ष की कहानी है या फिर यूं कहें कि जीवन वीडियो गेम है, जो हर नए लेवल पर नया संघर्ष करने को प्रेरित करता है। लेकिन मन में अगर जज्बा हो और कुछ करने का हौसला दिल में हो तो कोई गेम कोई मंजिल आंखों और कदमों से दूर नहीं होती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है शाहजहांपुर के बेटे ने। बेटे की हिम्मत और जज्बे को आज हर कोई नमन कर रहा है। मां बाप गदगद हैं तो जिले के माथे पर गौरव तिलक लगा है। इस होनहार बेटे का नाम है अजीत कुमार वर्मा। इन्होंने भारत की प्रशासनिक सेवा परीक्षा आईएएस में 446 वीं रैंक पाई है। इस काबिल होनहार बेटे के गांव में भली ही पक्की रोड न बनी हो पर आईएएस बनने के बाद यह लड़का जाने कितने गांवों और जिलों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ देगा। पुवायां तहसील के सिंधौली कस्बे से पश्चिम दक्षिण की ओर लगभग छह किलोमीटर चलने के बाद गांव अख्त्यारपुर पड़ता है। यहां के रहने वाले किसान एवं वर्तमान प्रधान गजाधर लाल वर्मा और मायादेवी वर्मा के बेटे अजीत ने यह कामयाबी अपने दूसरे प्रयास में पाई है। इससे पहले उनका चयन पीसीएस परीक्षा के द्वारा सहायक वाणिज्य कर आयुक्त के लिए हुआ था। वर्तमान में उनकी तैनाती मैनपुरी जिले के ब्लाॅक कुरावली में खंड विकास अधिकारी पद है। फोन पर हुई वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि उनका मकसद सिविल सेवा के द्वारा जनता से सीधे जुड़कर उनकी सेवा करना है। यह मौका उनके माता पिता के आशीर्वाद और अपनी मेहनत के द्वारा मिला है। इस मौके को वह स्वर्ण मौके की तरह अपने जीवन में उतार कर सेवा का भाव लेकर सर्विस में उतरेंगें। उन्होंने उन युवाओं को संदेश देते हुए कहा जो सिविल की तैयारी कई सालों से कर रहे हैं और सफलता का अभी भी इंतजार है। उन लोगों को हताश होने की कतई आवश्यकता नहीं है प्रयास करने के बाद उसकी समीक्षा करें कि चूक कहां हुई उसके बाद दोबारा प्रयास करें सफलता आपको खुद ढंूढ लेगी। अजीत ने अपनी हाईस्कूल शाहजहांपुर के सेंट एचएन स्कूल से किया। इंटर इस्लामियां इंटर कालेज से ग्रेजुएशन जीएफ कालेज से किया। पोस्ट ग्रेजुएशन बरेली कालेज बरेली से किया। इसके बाद नेट जेएआरएफ पास किया। परिवार में मनोज कुमार प्राथमिक स्कूल खिरिया रसूलपुर में अध्यापक है। तीन बहनें हैं तीनों की शादी हो चुकी है। घर में सबसे छोटे हंै और अभी शादी नहीं हुई है। इस बेटे ने शाहजहांपुर के माथे पर गौरव तिलक लगाया है।

Wednesday, April 20, 2016

फेसबुक पर उमड़ा प्यार तो फंसे पीसीएस अधिकारी, प्रेमिका ने किया बवाल तो तो किया शादी का वादा

फेसबुक पर उमड़ा प्यार तो फंसे पीसीएस अधिकारी
प्रेमिका ने किया बवाल तो तो किया शादी का वादा

शाहजहांपुर।फेसबुक पर प्यार की पींगे बढ़ाना असिस्टेंट सेल्स टैक्स कमिश्नर को इतना महंगा पड़ेगा यह उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था। मामला इलाहाबाद के एक पीसीएस अफसर के फेसबुक प्यार का है। आॅफिसर साहब ने ऐसी दोस्ती एफबी पर की कि उनकी फेसबुक प्रेमिका ने एक कार्यक्रम के दौरान जमकर हंगामा किया और पुलिस तक बुला ली। आखिर में मामला तब सुलटा जब पीसीएस अधिकारी सहित उसके परिवार के लोगों ने प्रेमिका से शादी करने के लिए  हां की। इलाहाबाद में तैनात पीसीएस अफसर की फेसबुक पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई और उन्होंने लड़की का फोटो देखा और तुरंत एक्सेप्ट कर ली। इसके बाद रोजना प्यार भरी बातंे आनलाइन होने लगी। प्यार आॅनलाइन हुआ तो बात आगे बढ़ी लड़की ने खुद को बनारस का रहने वाला बताया और कहा कि वह इलाहाबाद में पीसीएस की तैयारी कर रही है। आफीसर साहब भी प्यार की ठंडी आहें फेसबुक पर भरते रहे बात शादी की नौबत तक आ गई। पर अफसर ने सोचा यह तो फेसबुक की बातें हैं हकीकत में वह शादी थोड़े करने जा रहे हैं। पर यह क्या इलाहाबाद के कर्नलगंज में एक शादी समारोह में पीसीएस अधिकारी अपने परिवार के साथ पहुंचे। उनकी प्रेमिका का पता चला तो वह भी वहां पहुंच गई। उसको देख अधिकारी महोदय का पारा चढ़ गया उन्होंने लड़की को भला बुरा कहना शुरू कर दिया बात बढ़ी तो पीसीएस अधिकारी ने प्रेमिका के साथ मारपीट शुरू कर दी। लड़की ने फोन कर पुलिस बुला ली हालांकि इसके बाद पीसीएस अधिकारी अपनी दलील देते रहे कि उनकी उम्र 25 साल है और लड़की उनसे दस साल बड़ी है। वह उनसे पैसे ऐंठना चाहती है। पर पुलिस तो पुलिस है उसने में भी फैसला पूरा किया और आखिर में पीसीएस अफसर ने लड़की से दो साल शादी का करने का वादा किया तक जाकर मामला सुलझ सका।
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Tuesday, April 19, 2016

और जब डाॅक्टर लेटे ब्लड डोनर काउच पर


और जब डाॅक्टर लेटे ब्लड डोनर काउच पर
शहीदों की नगरी शाहजहांपुर के जिला अस्पताल में डाॅक्टरों ने अपना खून देकर ब्लड बैंक की  साख को बचाया है। इससे पहले की यहां मौजूद ब्लड बैंक का लाइसेंस मिनिमम स्टोरेज को लेकर खतरे में पड़ता। डाॅक्टरों और कर्मचारियों ने ब्लड डोनर काउच पर लेटने में कोई परहेज नहीं किया। देखते देखते जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन सहित तमाम डाॅक्टरों फार्मासिस्ट ब्लड बैंक के कर्मचारी सहित 15 लोगों ने अपना खून दिया। इससे एक ओर तो डाॅक्टरों की ओर से फुल समाज सेवा भी हो गई। वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल की ब्लड बैेंक में ब्लड की यूनिट भी बढ़ गईं। आम तौर जब कभी भी जिला अस्पताल में ब्लड डोनेशन कैंप होता था तो डाॅक्टर अपने चेंबरों में बैठे रहते थे। लेकिन शाहजहांपुर को जैसे ही डीएम वीके आनंद मिले जिला अस्पताल के डाॅक्टर भी ब्लड बैंक में स्टोरज को लेकर गंभीर दिखे। इसी का परिणाम रहा कि शाहजहांपुर जिला अस्पताल में पहली बार डाॅक्टरों ने लाइन लगाकर रक्तदान किया। इससे भी ज्यादा चर्चा में रहा ब्लड बैंक का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जिसका खुद का वजन लगभग 48 किलो कद कांठी से देखने में मरीज लगता है उसने भी हौसला दिखाया और रक्तदान के लिए काउच पर लेट एक यूनिट खून दिया।

शाहजहांपुर के शहीदों को मेरा प्रणाम मैें सुदीप शुक्ला आज से ब्लाॅग पर लिखना शुरू कर रहा हूं।

शाहजहांपुर के शहीदों को मेरा प्रणाम मैें सुदीप शुक्ला आज से ब्लाॅग पर लिखना शुरू कर रहा हूं।